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Tuesday, September 30, 2014

मिथिला के प्राचीन मंदिर तथा पर्यटक स्थल

मिथिला के प्राचीन मंदिर तथा पर्यटक स्थल

 १. महाबोधि मंदिर

२. विष्णुपदा मंदिर
 ३. सासाराम 
४. मनेर  शरीफ 
५. पाटलिपुत्र 
६. ब्रह्मयोनि  हिल 
७. प्रेतशिला  हिल 
८. रमशीला  हिल 


महाबोधि मंदिर :

यह मंदिर मुख्‍य मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की बनावट सम्राट अशोक द्वारा स्‍थापित स्‍तूप के समान हे। इस मंदिर में बुद्ध की एक बहुत बड़ी मूर्त्ति स्‍थापित है। यह मूर्त्ति पदमासन की मुद्रा में है। यहां यह अनुश्रुति प्रचिलत है कि यह मूर्त्ति उसी जगह स्‍थापित है जहां बुद्ध को ज्ञान निर्वाण (ज्ञान) प्राप्‍त हुआ था। मंदिर के चारों ओर पत्‍थर की नक्‍काशीदार रेलिंग बनी हुई है। ये रेलिंग ही बोधगया में प्राप्‍त सबसे पुराना अवशेष है। इस मंदिर परिसर के दक्षिण-पूर्व दिशा में प्रा‍कृतिक दृश्‍यों से समृद्ध एक पार्क है जहां बौद्ध भिक्षु ध्‍यान साधना करते हैं। आम लोग इस पार्क में मंदिर प्रशासन की अनुमति लेकर ही प्रवेश कर सकते हैं।

इस मंदिर परिसर में उन सात स्‍थानों को भी चिन्हित किया गया है जहां बुद्ध ने ज्ञान प्राप्‍ित के बाद सात सप्‍ताह व्‍यतीत किया था। जातक कथाओं में उल्‍लेखित बोधि वृक्ष भी यहां है। यह एक विशाल पीपल का वृक्ष है जो मुख्‍य मंदिर के पीछे स्थित है। कहा जाता बुद्ध को इसी वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्‍त हुआ था। वर्तमान में जो बोधि वृक्ष वह उस बोधि वृक्ष की पांचवीं पीढी है। मंदिर समूह में सुबह के समय घण्‍टों की आवाज मन को एक अजीब सी शांति प्रदान करती है।




 प्राचीन किल्ले 
१. रोहतासगढ़  फोर्ट 
२. सासाराम  फोर्ट 
३. पलामू  फोर्ट 
४. मनेर  फोर्ट 
५. जलालगढ  फोर्ट 
६. राजमहल 
७. मुंगेर  फोर्ट 




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