अमेरिका :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद और देश के मुस्लिमों की राष्ट्रभक्ति से जुड़ा एक बड़ा बयान दिया है। भारत के खिलाफ लड़ाई का ऐलान कर चुके अल कायदा पर पीएम मोदी ने कहा कि इस आतंकी संगठन को भारत के मुसलमान फेल कर देंगे क्योंकि आतंकवाद का स्वरूप भारत की धरती से पैदा नहीं हुआ है बल्कि यह निर्यात किया गया है।
न्यू यॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरन रिलेशन्स को संबोधित किया। थिंक टैंक के कार्यक्रम में पीएम ने आतंकवाद, सीमा विवाद से जुड़े सवालों के जवाब दिए और 'ब्रैंड इंडिया' को बेहतरीन तरीके से पेश किया।
मोदी ने अपने संबोधन और सवालों के जवाब के दौरान दो टूक शब्दों में कहा कि आतंकवाद से राजनीतिक नफा नुकसान तलाशकर नहीं लड़ा जा सकता है और इसे शिकस्त देने के लिए देश, जाति, धर्म से ऊपर उठकर मानवता के आधार पर पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर खेद प्रकट किया कि दुनिया के बहुत से देश आतंकवाद के घिनौने रूप को कभी समझ नहीं पाये। पीएम ने कहा कि भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी का देश है और उसके नागरिक कभी आतंकवाद का साथ नहीं दे सकते।
मोदी ने कहा कि भारत 'वसुधैव कुटुंबकम' के दर्शन को मानने वाला देश है जिसके तहत वह पूरे विश्व को अपना कुटुंब मानता है।
21वीं सदी एशिया की होगी
पीएम ने कहा कि दुनिया में कुछ लोग मानते हैं कि 21वीं सदी चीन की होगी तो कुछ मानते हैं कि भारत की होगी लेकिन ऐसा कहते हुए दोनों पक्ष इस बात को स्वीकार करते हैं कि 21वीं सदी एशिया की होगी। मोदी ने कार्यक्रम में कहा, 'इस बात में अब दो राय नहीं है कि 21वीं सदी एशिया की होगी। कुछ का मानना है कि यह भारत की होगी और कुछ का कहना है कि चीन की होगी।' उन्होंने कहा, लेकिन दोनों बातों से यह बात उभरकर सामने आ ही गई है कि 21वीं सदी एशिया की होगी। प्रधानमंत्री के अनुसार उसमें हिंदुस्तान लाभ की स्थिति में है क्योंकि जो तीन चीजें एक साथ उसके पास हैं, वे अभी चीन समेत किसी देश के पास नहीं हैं, उन्होंने कहा कि ये तीन चीजें हैं- लोकतंत्र, मांग और आबादी का स्वरूप।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों से दोस्ती चाहता है और उसकी इच्छा है कि सब मिलकर एक-दूसरे के सुख दुख बांटें। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वह नेपाल गए, जहां 17 साल से कोई (पीएम) नहीं गया था। वह भूटान गए और इसके अलावा चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शासन प्रमुखों से मिले। पीएम के मुताबिक उनका मानना है कि दोस्ती और एक दूसरे के सुख-दुख बांटकर आगे बढ़ा जा सकता है और इसी के मद्देनजर भारत ने खासतौर पर सार्क देशों के लिए एक सैटलाइट उपग्रह छोड़ने की योजना बनाई है जिससे सभी सार्क देश शिक्षा, स्वास्थ्य और मौसम की जानकारी आदि का लाभ उठा सकेंगे।
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