बाढ़ पीड़ितों ने की बी डी ो से धक्का मुक्की
मरौना (सुपौल)।: प्रखंड प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए बेलही पंचायत के बाढ़ पीड़ितों ने सोमवार को जमकर बवाल काटा। आक्रोशित लोगों ने बीडीओ चैंबर के सारे फर्नीचर तोड़ दिये और कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की भी की। धक्का-मुक्की में बीडीओ सुशील कुमार, कुछ कर्मचारियों और पत्रकारों को भी चोटें आयी हैं।
मरौना (सुपौल)।: प्रखंड प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए बेलही पंचायत के बाढ़ पीड़ितों ने सोमवार को जमकर बवाल काटा। आक्रोशित लोगों ने बीडीओ चैंबर के सारे फर्नीचर तोड़ दिये और कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की भी की। धक्का-मुक्की में बीडीओ सुशील कुमार, कुछ कर्मचारियों और पत्रकारों को भी चोटें आयी हैं।
बाद में बीडीओ किसी तरह भागकर दूसरे कमरे में बंद हो गये और तब उनकी जान बच पायी। बाद में मरौना पहुंचे डीएम बैद्यनाथ यादव और एसपी डॉ. कुमार ऐकले के समझाने के बाद आक्रोशित भीड़ शांत हुई। उधर, भीड़ के उग्र प्रदर्शन और तोड़-फोड़ को लेकर प्रखंड कार्यालय परिसर में लगभग तीन घंटे तक अफरातफरी का माहौल बना रहा।
मरौना प्रखंड कार्यालय में हंगामे और तोड़फोड़ की सूचना पर बेलही पहुंचे डीएम बैद्यनाथ यादव, एसपी डॉ. कुमार ऐकले और डीडीसी अखिलेश कुमार झा को भी लोगों के आक्रोश का जबर्दस्त सामना करना पड़ा। अधिकारियों के सामने ही लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाये। लोगों को शांत करने में डीएम और एसपी को काफी मशक्कत करनी पड़ी। कार्यालय परिसर में एक पेड़ के नीचे चबूतरे पर खड़े अधिकारी माइक से शांति की अपील करते रहे लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं हुए।
बाद में एसपी के कहने पर मो. गफ्फार और जगन्नाथ प्रसाद ने बाढ़ पीड़ितों की तरफ से पक्ष रखा। उन्होंने आरोप लगाया कि बीडीओ ओडीएफ योजना में रिश्वत मांगते हैं। बिचौलिया बने पसंस के पति टूनटून मंडल शौचालय राशि का भुगतान करने के लिए प्रति शौचालय एक हजार रुपया लेते हैं। जो अग्रिम में यह राशि नहीं देता है उसे लाभ से वंचित रखा जाता है। यही कारण है कि अब तक पंचायत में 25 प्रतिशत लोगों को ही ओडीएफ योजना का भुगतान हो पाया है। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए बनायी गयी सूची पर भी आपत्ति जतायी।
आरोप लगाया कि शिक्षकों द्वारा सर्वे कर 1242 बाढ़ पीड़ितों की सूची बनायी गयी थी। लेकिन बीडीओ ने सूची को फाड़ दिया और बिचौलियों के प्रभाव में आकर केवल 300 लोगों की ही सूची तैयार की। यह भी आरोप लगाया कि प्रखंड के सभी पंचायतों में मनमाने तरीके राहत सामग्री दी गयी। लेकिन बेलही पंचायत में एक मुट्ठी अनाज भी नहीं दिया गया। लोगों की शिकायत सुन डीडीसी अखिलेश कुमार झा ने कहा कि राहत पाने के नियम बताते हुए कहा कि चार से पांच दिन तक पानी से घर गिरे होने और घर से निकलने का उपाय नहीं होने पर सूखा राशन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की दी गयी सूची बीडीओ द्वारा नहीं मानने की जानकारी उन्हें मिली थी। अब अनुश्रवण से सूची पास कराकर राहत दिया जायेगा।
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