दिल्ली:
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर को लेकर एक बड़ी रणनीति तैयार कर रही है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। कश्मीर के लिए वार्ताकार नियुक्त करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। उन्होंने 'गवर्नेंस नाउ' मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जम्मू-कश्मीर के लिए वार्ताकार नियुक्त करने की पुरानी परंपराएं बंद होनी चाहिए, क्योंकि ये बनतीजा रही हैं। इस इंटरव्यू में गृह मंत्री ने कहा था कि वार्ताकार नियुक्त करने पर फिर से विचार करने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि मैं बेनतीजा बातचीत के पक्ष में भी नहीं हूं, जो राष्ट्र विरोधियों द्वारा जम्मू-कश्मीर या पूर्वोत्तर में खुद की राजनीतिक छवि चमकाने के लिए की जाती हैं। यूपीए सरकार के दौरान कश्मीर के लिए शिक्षाविद् राधा कुमार, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप पडगांवकर और पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त एम एम अंसारी को वार्ताकार नियुक्त किया गया था।
घुसपैठ में आई कमी
गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ में काफी कमी आई है और सीमा पर सुरक्षा ज्यादा सख्त कर दी गई है। सिंह ने इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार से करीब तीन लाख कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए जमीन की पहचान करने को कहा था। 1990 की शुरुआत से आतंकवाद के कारण कश्मीरी पंडितों ने घाटी से पलायन कर दिया था। नरेन्द्र मोदी सरकार ने करीब 62,000 कश्मीरी पंडित परिवारों को घाटी में फिर से बसाने की बात कही है और 2014-15 के केंद्रीय बजट में इसके लिए 500 करोड़ रुपए की राशि भी रखी गई है। सरकारी योजना के तहत कश्मीरी पंडितों के लिए जमीन आवंटन के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पत्र भी लिखा गया है।
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