मरौना के सरकारी हस्पताल प एच सी में बेड तथा दवा की कमी
मिथिला: 08-09-2017
मिथिला: 08-09-2017
गुरुवार को जिलाधिकारी द्वारा पीएचसी के किए गए औचक निरीक्षण का असर शुक्रवार को साफ-साफ झलक रहा था। जहां ससमय चिकित्सक से लेकर दवा का काउंटर खुला था वहीं अन्य दिनों की अपेक्षा अस्पताल की साफ-सफाई भी जतन से की गई थी। हालांकि उपलब्ध संसाधनों का उपयोग तो किया जा रहा था, परंतु बाढ़ प्रभावित इस पीएचसी में जो व्यवस्था दिखनी चाहिए थी वह नहीं दिख रही थी। अब जबकि बाढ़ का पानी उतर चुका है। लोगों का जीवन धीरे-धीरे पटरी पर वापस लौट रहा है तो इधर बाढ़ के कारण लोगों में तरह-तरह की बीमारियां भी पनप रही है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है लेकिन उनके लिए
पिछले दो दिनों से अस्पताल में भर्ती कमरेल निवासी सोनाय यादव का चार वर्षीय पुत्र आलोक कुमार डायरिया से ग्रसित है। उसने कहा कि चिकित्सक तो इलाज कर रहे है, परंतु दवा बाजार से ही लानी पड़ती है। प्रसूता कक्ष का हाल तो और बेहाल है। एक ही बेड पर दो-दो प्रसूता थीं वहीं कुछ प्रसूता बेड के इंताजार में फर्श पर ही दर्द से छटपटा रही थी। बाढ़ के समय में यह कुव्यवस्था लोगों की समझ से परे है।
क्षेत्र में डायरिया समेत अन्य बीमारियों का कोई खास प्रकोप नहीं है। बाढ़ के बाद उत्पन्न होने वाली संभावित बीमारियों के बारे में जहां लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जा रही है वहीं ब्लि¨चग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। पीएचसी में उपलब्ध संसाधनों के सहारे मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।
डॉ. बीके पासवान
चिकित्सा प्रभारी, मरौना
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